ATM ka full form kya hota hai? इस ब्लॉग में हम जानेंगे कि एटीएम का फुल फॉर्म क्या है एटीएम को हिंदी मे क्या कहते है और एटीएम से जुड़ी हुई बहुत सारी महत्वपूर्ण जानकारियां क्या क्या होती है।
ATM ka full form kya hota hai?
A: Automated
T: Teller
M: Machine
एटीएम का फुल फॉर्म Automated Teller Machine है जिसे हिंदी में स्वचालित टेलर मशीन कहते हैं।यह ऑटोमेटेड मशीन आपको किसी भी बैंक कर्मचारी की आवश्यकता के बिना पैसे निकालने, पैसे जमा करने, शेष राशि की जांच करने और अन्य प्रकार के लेनदेन के लिए सक्षम बनाता है।
ATM कार्ड क्या होता है ?
ATM एक पिन आधारित कार्ड है जिसे बैंक द्वारा अपने खाता धारको को एटीएम में विभिन्न उद्देश्यों के उपयोग के लिए दिया जाता है। एटीएम कार्ड मूल रूप से आपके बैंक द्वारा जारी किया गया एक कार्ड होता है। जो मूल रूप से आपके बैंक अकाउंट से जुड़ा होता है। इस कार्ड का उपयोग किसी भी एटीएम से पैसे निकालने पैसे जमा करने पैसों का लेनदेन और पैसे ट्रांसफर करने के लिए किया जा सकता है। जब आप एटीएम से पैसे निकालते है तब बैंक से आपके पैसे कट जाते है।
ATM कार्ड मे क्या क्या होता हैं। एटीएम कार्ड मे कुछ इनफार्मेशन होती है जो निम्नलिखित है।
- इसमे एक 16 अंको का नंबर होता है जिसे कार्ड नंबर या डेबिट कार्ड नंबर कहते है।
- इसमे खाताधारक का नाम, कार्ड की समाप्ति तिथि (End Date ) भी होती है।
- इसमे एक 3 अंको का सीवीवी (cvv) नंबर भी होता है इसे क्रेडिट सत्यापन मूल्य कहते है। यह नंबर सुरक्षा के उद्देश्य से बहुत महत्वपूर्ण होता है। यह नंबर किसी को देना सीधे अपने कार्ड को किसी के हाथ मे देना जैसा है।
- इसमे एक चुम्बकीय पट्टी या एक चिप होती है जिसमे कार्ड धारक की सारी जानकारी होती है।

ATM से क्या क्या लेनदेन कर सकते है ?
ATM से पैसे निकलने के आलावा बहुत सारे ऐसे काम होते है जो आप एटीएम से आसानी से कर सकते है जिसके लिए आपको बैंक मे जाने की जरुरत भी नहीं होगी और आप अपना समय का बचत भी कर सकते है। कुछ महत्वपूर्ण बैंक की सर्विसेस है जो आप एटीएम की मदद से कर सकते है।
ATM से पैसे निकालना
आज के समय मे आपको पैसे निकालने के लिए बैंक मे जाने की जरुरत नहीं है आप कभी भी कहीं से या कोई भी बैंक के एटीएम से पैसे निकाल सकते है।
ATM से बैलेंस की जाँच
अकाउंट मे शेष राशि के बारे मे जानना हो तो आप के बैंक मे जाने के बजाय आप एटीएम से अपने अकाउंटके बैलेंस की जानकारी ले सकते है आप एटीएम से बैंक स्टेटमेंट भी निकाल सकते है।
ATM से बिल का पेमेंट (ATM ka full form kya hota hai)
एटीएम से किसी भी प्रकार का बिल पेमेंट करना हो जैसे की क्रेडिट कार्ड का बिल, मोबाइल का बिल ,बिजली का बिल ऐसे बहुत सारे काम आप एटीएम और एटीएम कार्ड की मदद से कर सकते है।
ATM से पैसे ट्रांसफर करना (ATM ka full form kya hota hai)
आप एटीएम से किसी भी बैंक अकाउंट में पैसे ट्रांसफर कर सकते हैं। इसके लिए आपको एटीएम कार्ड की जरूरत होगी आप इंडिया में किसी भी बैंक के अकाउंट में एटीएम से पैसे ट्रांसफर कर सकते हैं। लेकिन, इसके लिए कुछ रिक्वायरमेंट है।आप ATM से एक ही बैंक के अकाउंट में ही पैसे ट्रांसफर कर सकते हैं अगर कोई अलग बैंक का अकाउंट है तो यह काम नहीं करेगा।
जैसे अगर आपके पास एसबीआई बैंक का अकाउंट है और आप किसी दूसरे के अकाउंट में पैसे ट्रांसफर करना चाहते हैं जिसका अकाउंट एचडीएफसी बैंक का है तो यह कार्य एटीएम से नहीं हो पाएगा क्योंकि एटीएम से पैसे ट्रांसफर के लिए दोनों बैंक अकाउंट एक ही बैंक मे होने आवश्यक है।
ATM पिन बदलना (ATM ka full form kya hota hai)
जैसा कि आप जानते हैं एटीएम में 4 अंकों का एक पिन होता है अगर यह पिन आप गलती से किसी को दे देते हो या फिर आप यह पिन भूल जाते हैं तो इस परिस्थिति में आपको यह पिन चेंज करने की जरूरत होगी। इसके लिए आप या तो आप बैंक में जाकर पिन बदल सकते हैं या फिर आप इसे एटीएम में जाकर भी बदल सकते हैं। एटीएम आपको यह सर्विस देता है कि अगर आपका पिन कभी खो जाता है या फिर आप इसे भूल जाते हैं तो आप इसे दोबारा से एटीएम से बना सकते हैं।
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ATM से पैसे जमा करना (ATM ka full form kya hota hai)
आजकल के एटीएम के मशीन से आप पैसे निकाल भी सकते हैं और और एटीएम मशीन से आप पैसे जमा भी कर सकते हैं एटीएम मशीन से आप पैसे कभी भी जमा कर सकते हैं। जब आप एटीएम मशीन से पैसे जमा करते हैं तो वह पैसे सीधे आपके बैंक अकाउंट में चले जाते हैं।
ATM कैसे कार्य करता है ?
ATM मूल रूप से एक कप्यूटर होता है जैसे कंप्यूटर को हम कुछ निर्देश देते हैं और कंप्यूटर हमारे लिए वह कार्य करता है ठीक उसी तरीके से एटीएम में भी निर्देश दिए जाते हैं जिनकी की मदद से एटीएम कार्य करता है आइए जानते हैं कि एटीएम में ऐसे कौन कौन से कंपोनेंट्स है जिनकी मदद से एटीएम कार्य करता है।
Card Reader
यह एक स्लॉट होता है जिसमें आप अपना कार्ड डालते हैं। यह कार्ड स्लॉट भी दो प्रकार के होतें है एक होता है डीप कार्ड रीडर जिसमें आपको अपने कार्ड को ब्लॉक में डाल कर बाहर निकालने की जरूरत होती है और दूसरा होता है मोटराइज्ड कार्ड रीडर जिसमें आप अपना कार्ड डालते हैं और कार्ड एटीएम के अंदर चले जाता है और फिर कुछ टाइम के बाद कार्ड बाहर आ जाता है।
जैसा कि कभी आपने एटीएम कार्ड को गौर से देखा होगा जिसमें आपने देखा होगा एटीएम कार्ड के आमने या सामने में एक काले या भूरे रंग की पट्टी होती है जिसे चुंबकीय पट्टी कहते हैं इसमें डेटा को इनकोड करके रखा जाता है। बहुत सारे कार्ड में एक सिल्वर कलर के चिप भी होती है। इस इस चुंबकीय पट्टी में और या फिर इस चिप में कुछ इंफॉर्मेशन होती है जो आपके कार्ड के बारे में होती हैं। जब भी आप कार्ड को एटीएम में डालते हैं तो एटीएम इस चुंबकीय पट्टी या फिर इस सिल्वर कलर की चिप से आपके कार्ड की सारी इनफार्मेशन को पढ़ लेता है।
Display Screen
एटीएम में एक स्क्रीन होती है। जिसे मॉनिटर भी कहते है। इसकी मदद से आप कोई भी लेनदेन या कोई भी सर्विस का इस्तेमाल कर सकते हैं। इस स्क्रीन में लैंग्वेज बदलने के भी ऑप्शन होते हैं आप अपनी सुविधा के अनुसार लैंग्वेज को बदल सकते हैं। इस स्क्रीन में कुछ बटन होते है जिसकी मदद से आप अपना कार्य कर सकते हैं। बहुत से मॉनिटर टच स्क्रीन होते है।
Keypad
एटीएम मशीन में एक कीपैड भी होता है जिसकी मदद से आप इंफॉर्मेशन को इनपुट करते हैं अगर आपको पैसे निकालने हैं या फिर एटीएम में अपना पिन टाइप करना है तो यह काम कीपैड के मदद से ही होता है।
Speaker
एटीएम मशीन में स्पीकर भी होते है जिसकी मदद से आप को ऑडियो निर्देश दिए जाते हैं जैसे कि इस एटीएम मे आपका स्वागत है आदि।
Receipt Printer
एटीएम में एक रिसिपिएंट्स प्रिंटर भी होता है जिसकी मदद से आपको लेनदेन की रसीद मिलती है। जब भी आप एटीएम से किसी भी प्रकार का कोई लेनदेन करते हैं जैसे कि आप पैसे निकालते हैं या फिर आप पैसे ट्रांसफर करते हैं या फिर आप एटीएम से मिनी स्टेटमेंट निकाल रहे हैं तब ट्रांजैक्शन खत्म होने के बाद आपको एक रसीद मिलती है यह रसीद रिसिपिएंट्स प्रिंटर की मदद से ही आपको मिलती है।
Cash Dispenser
एटीएम मे कैश डिस्पेंसर की मदद से आपको कैश प्राप्त होता है जहां से आप को कैश प्राप्त होता है उसे ही कैश डिस्पेंसर कहते हैं।
ATM से जुड़े कुछ रोचक तथ्य
एटीएम से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण और रोचक तथ्य निम्नलिखित है।
एटीएम का आविष्कार
एक बार एक स्कॉटिश नागरिक बैंक से पैसे निकालने के लिए गए लेकिन एक मिनट की देरी होने से बैंक बंद हो गया इसकी वजह से वह पैसे नहीं निकाल पाए लेकिन जब वह घर पर आए तो उन्होंने सोचा की क्यों ना एक ऐसी मशीन का निर्माण किया जाए जिससे कभी भी किसी भी समय ऑटोमेटिक पैसे निकाले जा सकते हो। इसी सोच के साथ लगभग 2 साल बाद उन्होंने एक मशीन का निर्माण किया जिसे एटीएम मशीन कहा गया। इस स्कॉटिश नागरिक का नाम जॉन शेफर्ड बैरोन था।
पहला एटीएम (ATM ka full form kya hota hai)
सबसे पहले एटीएम से पैसा कॉमेडी अभिनेता Reg Varney ने निकला था। उन्होंने यह पैसा लंदन के बार्कलेज बैंक मे 27 जून 1967 मे लगे पहले एटीएम से निकला था।
एटीएम पिन (ATM ka full form kya hota hai)
जॉन शेफर्ड बैरन 6 अंकों का एटीएम पिन बनाना चाहते थे लेकिन 6 अंकों का पिन उनकी पत्नी कैरोलिन को याद नहीं हो रहा था इसलिए उन्होंने 4 अंको का एटीएम पिन बनाया।
भारत मे पहला एटीएम (ATM ka full form kya hota hai)
भारत में पहली बार 1987 में हांगकांग और शंघाई बैंकिंग कॉरपोरेशन (HSBC) ने मुंबई में पहली बार एटीएम की मशीन लगाई थी।
सोने ( Gold )वाला एटीएम
अबू धाबी में अमीरात पैलेस होटल में एक ATM मशीन है जिससे सिर्फ पैसे ही नहीं बल्कि सोना भी निकाला जा सकता है। इस मशीन में 320 तरह के सोने के समान निकाले जा सकते हैं।
बिना अकाउंट का एटीएम
रोमानिया में बिना बैंक खाते के एटीएम से पैसे निकाले जा सकते हैं लेकिन यह सुविधा भारत में उपलब्ध नहीं है।
बायोमेट्रिक एटीएम
ब्राजील में एटीएम से किसी भी प्रकार का लेनदेन के लिए बायोमेट्रिक का इस्तेमाल किया जाता है किसी भी उपयोगकर्ता को सबसे पहले अपनी उंगलियों का बायोमेट्रिक देना होता है तभी वह एटीएम से पैसे निकाल सकते हैं।
एटीएम सुरक्षा
अगर कोई व्यक्ति एटीएम को चुरा भी लेता है तो वह आसानी से पकड़ मे आ जायेगा क्योंकि एटीएम में एक चिप लगी होती है जिसे आसानी से जीपीएस के द्वारा ट्रैक किया जाता है।
एटीएम मे इंक बोटल
एटीएम के अंदर एक स्याही की बोतल रखी होती है अगर कोई व्यक्ति किसी नोट को जबरदस्ती बाहर निकालता है या फिर मशीन को तोड़ने की कोशिश करता है तो इस परिस्थिति में बोतल में रखी हुई स्याही पूरे एटीएम में फैल जाती है।
आशा करते हैं की आपको यह जानकारी अच्छी लगी होगी।आप हमें अपने सुझाव और शिकायत के लिये नीचे कमैंट्स बॉक्स मैं जानकारी दें सकते हैं।
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