माँ दुर्गा जी की आरती जय अंबे गौरी, हिंदू धर्म की एक महत्वपूर्ण पूजा है जो हमें माँ दुर्गा के गुणों को याद दिलाती है। इस आरती को हम अलग-अलग अवसरों पर पढ़ते हैं जैसे नवरात्रि, दुर्गा पूजा, दशहरा और दीवाली।
माँ दुर्गा की आरती को पढ़ने से हमें आशीर्वाद प्राप्त होता हैं और हमारी इच्छाएं पूरी होती हैं। आरती में बताए गए मंत्र और श्लोक हमें माँ दुर्गा के बारे में बताते हैं जो हमें उनकी शक्ति, साहस और आशीर्वाद से परिचित कराते हैं।
आरती के अंत में हम सभी मिलकर माँ दुर्गा, भगवान शिव, विष्णु और ब्रह्मा को नमस्कार करते हैं और इससे हमारा आध्यात्मिक संबंध मजबूत होता है।
इस पूजा के दौरान हम अलग-अलग प्रकार के प्रसाद बनाते हैं जैसे सूजी का हलवा, पूरी, कचौरी, कद्दू की सब्जी, चने और हलवे आदि। इस पूजा के दौरान हम बच्चों को खुश करने के लिए खिलौने भी खरीदते हैं।
दुर्गा जी की आरती जय अंबे गौरी
इस आरती को पढ़ने से हम अपनी जीवनशैली में सकारात्मक बदलाव लाते हैं और अपने आसपास के लोगों को भी प्रेरित करते हैं। यह पूजा हमें माँ दुर्गा के प्रति आदर और सम्मान के साथ अपने धर्म के बारे में जागरूक बनाती है।
इसलिए, माँ दुर्गा की आरती एक महत्वपूर्ण पूजा है जो हमें उनकी कृपा और आशीर्वाद प्राप्त करने में मदद करती है।
दुर्गा जी की आरती||
जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी,
तुमको निशदिन ध्यावत, हरि ब्रह्मा शिवजी॥
मांग सिंदूर विराजत, टीको मृगमद को,
उज्ज्वल से दोउ नैना, चंद्रवदन नीको॥
ॐ जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी,तुमको निशदिन ध्यावत, हरि ब्रह्मा शिवजी॥
कनक समान कलेवर, रक्ताम्बर राजै,
रक्तपुष्प गल माला, कंठन पर साजै॥
केहरि वाहन राजत, खड्ग खप्पर धारी,
सुर-नर-मुनिजन सेवत, तिनके दुखहारी॥
ॐ जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी, तुमको निशदिन ध्यावत, हरि ब्रह्मा शिवजी॥
कानन कुण्डल शोभित, नासाग्रे मोती,
कोटिक चंद्र दिवाकर, सम राजत ज्योती॥
शुंभ-निशुंभ बिदारे, महिषासुर घाती,
धूम्र विलोचन नैना, निशदिन मदमाती॥
ॐ जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी, तुमको निशदिन ध्यावत, हरि ब्रह्मा शिवजी॥
चण्ड-मुण्ड संहारे, शोणित बीज हरे,
मधु-कैटभ दोउ मारे, सुर भयहीन करे॥
ब्रह्माणी, रूद्राणी, तुम कमला रानी,
आगम निगम बखानी, तुम शिव पटरानी॥
ॐ जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी, तुमको निशदिन ध्यावत, हरि ब्रह्मा शिवजी॥
चौंसठ योगिनी मंगल गावत, नृत्य करत भैरों,
बाजत ताल मृदंगा, अरू बाजत डमरू॥
तुम ही जग की माता, तुम ही हो भरता,
भक्तन की दुख हरता, सुख संपति करता॥
ॐ जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी, तुमको निशदिन ध्यावत, हरि ब्रह्मा शिवजी॥
भुजा चार अति शोभित, खडग खप्पर धारी,
मनवांछित फल पावत, सेवत नर नारी॥
कंचन थाल विराजत, अगर कपूर बाती,
श्रीमालकेतु में राजत, कोटि रतन ज्योती॥
ॐ जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी, तुमको निशदिन ध्यावत, हरि ब्रह्मा शिवजी॥
श्री अंबेजी की आरति, जो कोइ नर गावे,
कहत शिवानंद स्वामी, सुख-संपति पावे॥
जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी,
तुमको निशदिन ध्यावत, हरि ब्रह्मा शिवजी॥
ॐ जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी, तुमको निशदिन ध्यावत, हरि ब्रह्मा शिवजी॥
ॐ जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी, तुमको निशदिन ध्यावत, हरि ब्रह्मा शिवजी॥

माँ दुर्गा जी आरती पढ़ने के फायदे
दुर्गा जी आरती पढ़ने के कई फायदे होते हैं। यह आपके मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य और आनंद के लिए बहुत उपयोगी हो सकता है। इसके नीचे कुछ फायदे दिए गए हैं:
- मन को शांति मिलती है: दुर्गा आरती पढ़ने से मन शांत होता है और तनाव कम होता है।
- स्पष्ट बोली: आरती के लिए मधुर बोली का चयन करना आपकी बोलचाल क्षमता को बढ़ाता है। आरती पढ़ने से आपकी बोली स्पष्ट होती है और आपकी भाषा के विकास में सहायता मिलती है।
- ध्यान केंद्रित करना: दुर्गा आरती पढ़ने से ध्यान केंद्रित करना आसान होता है जो आपकी सक्रियता को बढ़ाता है।
- सकारात्मकता: दुर्गा आरती के पढ़ने से आपका मूड सकारात्मक हो जाता है जो आपको अधिक उत्साहपूर्वक बनाता है।
- समृद्धि और सफलता: दुर्गा आरती पढ़ने से समृद्धि और सफलता की प्राप्ति होती है। माँ दुर्गा आरती के पढ़ने से आप उनसे कृपा और आशीर्वाद प्राप्त करते है।
- नेगेटिविटी से मुक्ति: दुर्गा आरती का पढ़ना आपको नकारात्मक विचारों से मुक्ति देता है। इससे आपका मन पूरी तरह से शुद्ध होता है और नकारात्मकता से मुक्ति मिलती है।
- शुभकामनाएं: दुर्गा आरती का पढ़ना दूसरों के लिए शुभकामनाएं भेजने का एक अच्छा तरीका होता है। यह दूसरों के जीवन में समृद्धि, सफलता, और खुशी की कामनाएं भीजता है।
- धर्म की शक्ति: दुर्गा आरती का पढ़ना धर्म की शक्ति को बढ़ाता है। इससे आपका आत्मविश्वास बढ़ता है और आप जीवन में निरंतर आगे बढ़ते हैं।
यह कुछ फायदे है जो दुर्गा आरती पढ़ने से मिल सकते हैं। यह एक धार्मिक प्रथा है जो हमारी संस्कृति और धर्म का अहम हिस्सा है। इससे न केवल हमारा मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य बल्कि आत्मिक विकास भी होता है।
Maa Durga Aarti lyrics in English
Jai Ambe Gauri, Mayya Jai Shyaama Gauri,
Tumko Nishidin Dhyavat Hari Brahma Shivji.
Mang Sindoor Virajat, Tiko Mrigamad Ko,
Ujjwal Se Do Naina, Chandravadan Niko.
Jai Ambe Gauri, Mayya Jai Shyaama Gauri Tumko Nishidin Dhyavat Hari Brahma Shivji.
Brahmani, Rudrani, Tum Kamla Rani,
Agam Nigam Bakhani, Tum Shiv Patrani.
Kanchan Thal Virajat, Agar Kapoor Baati,
Shrimalaketu Mein Rajat, Koti Ratan Jyoti.
Jai Ambe Gauri, Mayya Jai Shyaama Gauri Tumko Nishidin Dhyavat Hari Brahma Shivji.
Chandni Rajat Khadag, Khapar Dhare,
Joti Maina Matu Ki Murat, Man Darpe Ati.
Mang Sindoor Virajat, Tiko Mrigamad Ko,
Ujjwal Se Do Naina, Chandravadan Niko.
Jai Ambe Gauri, Mayya Jai Shyaama Gauri Tumko Nishidin Dhyavat Hari Brahma Shivji
Kanak Saman Kalevar, Raktambar Raje,
Raktpushp Gal Mala Kanthan Par Saje.
Kehri Vahan Raajat, Khadg Khappar Dhari,
Sur Nar Muni Jan Sewat, Tinke Dukhahari.
Jai Ambe Gauri, Mayya Jai Shyaama Gauri Tumko Nishidin Dhyavat Hari Brahma Shivji
Kaanan Kundal Shobhit, Nasagre Moti,
Kotik Chandr Divakar, Sam Rajat Jyoti.
Shumbh-Nishumbh Bidare, Mahishasur Ghati,
Dhumra Vilochan Naina, Nishdin Madmati
Jai Ambe Gauri, Mayya Jai Shyaama Gauri Tumko Nishidin Dhyavat Hari Brahma Shivji.
Chand-Mund Sanhare, Shonit Bij Hare,
Madhu-Kaitabh Dou Mare, Sur Bhayahin Kare.
Bramhani, Rudrani Tum Kamala Rani,
Agam Nigam Bakhani Tum Shiv Patrani.
Jai Ambe Gauri, Mayya Jai Shyaama Gauri Tumko Nishidin Dhyavat Hari Brahma Shivji.
Chausath Yogini Gavat, Nritya Karat Bhairon,
Bajat Tal Mridanga, Aur Bajat Damaru.
Tum Hi Jag Ki Mata, Tum Hi Ho Bharata,
Bhaktan Ki Dukh Harta, Sukh Sampati Karta.
Jai Ambe Gauri, Mayya Jai Shyaama Gauri Tumko Nishidin Dhyavat Hari Brahma Shivji.
Bhuja Char Ati Shobhit, Var Mudra Dhari,
Manvanchit Phal Pavat, Sevat Nar Nari.
Kanchan Thal Virajat, Agar Kapoor Baati,
Shrimalaketu Mein Rajat, Koti Ratan Jyoti.
Jai Ambe Gauri, Mayya Jai Shyaama Gauri Tumko Nishidin Dhyavat Hari Brahma Shivji.
Shri Ambeji Ki Aarti, Jo Koi Nar Gave,
Kahat Shivanand Svami, Sukh Sampati Pave.
Jai Ambe Gauri, Mayya Jai Shyaama Gauri Tumko Nishidin Dhyavat Hari Brahma Shivji.
Jai Ambe Gauri, Mayya Jai Shyaama Gauri Tumko Nishidin Dhyavat Hari Brahma Shivji.
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नमस्कार 🙏दोस्तों, मेरा नाम पूजा है। मैंने MA हिंदी साहित्य से किया है। मुझे हिंदी में लेख लिखने का बहुत शौक है। हिंदी साहित्य से मास्टर करने के बाद मैंने ब्लॉग लिखने की शुरआत की। दोस्तों आपको मेरे ब्लॉग पोस्ट कैसे लगते है इस बारे में आप मुझे बता सकते है। मुझे सम्पर्क करने के लिए आप कमेंट बॉक्स में कमेंट कर सकते है। धन्यवाद !