सूर्य नमस्कार के 13 मंत्र-Mantra of Surya Namaskar in Hindi

Mantra of Surya Namaskar in Hindi सूर्य नमस्कार एक प्राचीन योग है(सूर्य नमस्कार के 13 मंत्र) जो सूर्य देव की पूजा के रूप में किया जाता है। यह एक संपूर्ण व्यायाम है जो शरीर, मन और आत्मा को स्वस्थ बनाने में मदद करता है। सूर्य नमस्कार को सुबह या शाम के समय कभी भी किया जा सकता है और इसे करने के लिए आपको अपने मन को स्थिर और विचारों को शुद्ध रखना चाहिए।

सूर्य नमस्कार में उपयोग किए जाने वाले मंत्रों का जप करने से हम अपने शरीर, मन और आत्मा को शुद्ध करते हैं। इस व्यायाम के द्वारा हम अपनी शारीरिक और मानसिक ताकत को बढ़ाते हैं और स्वस्थ रहते हैं। इसलिए, सूर्य नमस्कार का नियमित अभ्यास करना स्वास्थ्य और जीवन के लिए बहुत फायदेमंद होता है।

सूर्य नमस्कार के मंत्रों का जप करना आपको शांति, ऊर्जा और सकारात्मक भावनाओं का अनुभव देता है। यह आपके जीवन को सकारात्मक बनाने में मदद करता है और आपकी अंतर मन को विकसित करता है।

सूर्य नमस्कार के 13 मंत्र-Mantra of Surya Namaskar in Hindi-सूर्य नमस्कार मंत्र सहित-Mantra Surya Namaskar

सूर्य नमस्कार में, सूर्य भगवान को समर्पित मंत्रों का जप किया जाता है। सूर्य नमस्कार के दौरान, जब आप हर एक आसन पर जाते हैं, तो आपको उस आसन के दौरान मंत्र बोलना चाहिए। निम्नलिखित मंत्रो को आप जप कर सकते है।

ॐ मित्राय नमः (Om Mitraya Namah) 
ॐ रवये नमः (Om Ravaye Namah)
ॐ सूर्याय नमः (Om Suryaya Namah) 
ॐ भानवे नमः (Om Bhanave Namah) 
ॐ खगाय नमः (Om Khagaya Namah) 
ॐ पूष्णे नमः (Om Pushne Namah) 
ॐ हिरण्यगर्भाय नमः (Om Hiranyagarbhaya Namah)
ॐ मरीचये नमः (Om Marichaye Namah) 
ॐ आदित्याय नमः (Om Adityaya Namah)

सूर्य देव को नमस्कार करते हुए, हम अपने मन को शुद्ध और शांत रखते हुए उनके नाम का जप करते हैं। इस तरह के मंत्र जप करने से न केवल शरीर को सुधार होता है, बल्कि इससे मन भी शांत रहता है और आत्मा को ऊर्जा प्राप्त होती है।

सूर्य नमस्कार मंत्र अर्थ सहित | सूर्य नमस्कार के 13 मंत्र-सूर्य नमस्कार के 12 मंत्र

सूर्य नमस्कार में 12-13 मंत्रों का जप किया जाता है। इसके अलावा, सूर्य नमस्कार भारतीय धर्म और संस्कृति में बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। सूर्य नमस्कार का मतलब होता है सूर्य की ओर नमस्कार करना। यह नियमित रूप से किया जाने वाला एक प्रार्थना व योगाभ्यास है।

1- ॐ मित्राय नमः (Om Mitraya Namaha) – दोस्त देव को नमस्कार।
इस मंत्र का उच्चारण करते समय, आप सूर्य देव से दोस्त की तरह आशीर्वाद लेते हैं और उनके साथ दोस्ती की भावना को अनुभव करते हैं।


2- ॐ रवये नमः (Om Ravaye Namaha) – सूर्य को नमस्कार।
इस मंत्र का उच्चारण करते समय, आप सूर्य देव की प्रकृति को समझने का प्रयास करते हैं। यह मंत्र सूर्य देव की ताकत को समझने के लिए होता है।


3- ॐ सूर्याय नमः (Om Suryaya Namaha) – सूर्य देव को नमस्कार।
इस मंत्र का उच्चारण करते समय, आप सूर्य देव की आराधना करते हैं।


4- ॐ भानवे नमः (Om Bhanave Namaha) – सूर्य देव को नमस्कार।
इस मंत्र का उच्चारण करते समय, आप सूर्य देव की रोशनी को अनुभव करते हैं।


5- ॐ खगाय नमः (Om Khagaya Namaha) – उड़ने वाले पक्षी को नमस्कार।
इस मंत्र का उच्चारण करते समय, आप सूर्य के ऊर्जा के द्वारा उड़ान भरते हुए अपनी ऊर्जा को विकसित करते हैं।


6- ॐ पूष्णे नमः (Om Pushne Namaha) – पुष्टि के देवता को नमस्कार।
इस मंत्र का उच्चारण करते समय, आप सूर्य की ऊर्जा का उपयोग कर शरीर के अंगों की पुष्टि करते हुए उसकी कृपा का आभास करते हैं।

Mantra of Surya Namaskar in Hindi सूर्य नमस्कार के 13 मंत्र
सूर्य नमस्कार के 13 मंत्र


7- ॐ हिरण्यगर्भाय नमः (Om Hiranyagarbhaya Namaha) – ब्रह्मांड के निर्माता को नमस्कार।
इस मंत्र का उच्चारण करते समय, आप सूर्य देव की ऊर्जा को ब्रह्मांड के निर्माता की असीम शक्ति के साथ जोड़ते हुए अपनी ऊर्जा को विकसित करते हैं।

सूर्य नमस्कार मंत्र सहित


8- ॐ मरीचये नमः (Om Marichaye Namaha) – प्रकाश के देवता को नमस्कार।
इस मंत्र का उच्चारण करते समय, आप सूर्य की ऊर्जा के द्वारा अपनी मन की ज्योति को जलाते हुए जीवन के रहस्यों को समझने का प्रयास करते हैं।


9- ॐ आदित्याय नमः (Om Adityaya Namaha) – आदित्य को नमस्कार।
इस मंत्र का उच्चारण करते समय, आप सूर्य की ऊर्जा के द्वारा आप अपनी आत्मा को संयम और दृढ़ता से भरते हुए आदित्य की कृपा को प्राप्त करते हैं.


10- ॐ सवित्रे नमः (Om Savitre Namaha) – सूर्य देव को नमस्कार।
इस मंत्र का उच्चारण करते समय, आप सूर्य देव के ऊर्जा के द्वारा अपनी बुद्धि को जागृत करते हुए नई शक्ति प्रदान करते हैं।


11- ॐ भास्कराय नमः (Om Bhaskaraya Namaha) – सूर्य देव को नमस्कार।
इस मंत्र का उच्चारण करते समय, आप सूर्य की ऊर्जा के द्वारा अपनी आत्मा को प्रकाशित करते हुए नए आरंभों के लिए प्रेरित करते हैं।


12- ॐ अग्नये नमः (Om Agnaye Namaha) – अग्नि को नमस्कार।
इस मंत्र का उच्चारण करते समय, आप सूर्य की ऊर्जा के द्वारा अपनी अग्नि को जलाते हुए नयी उत्साह और प्रेरणा प्राप्त करते हैं।


13- ॐ भानवे नमः (Om Bhanave Namaha) – सूर्य देव को नमस्कार।
इस मंत्र का उच्चारण करते समय, आप सूर्य की ऊर्जा के द्वारा अपनी आत्मा को उन्नत करते हुए जीवन के समस्त पहलुओं में सफलता के लिए शक्ति प्राप्त करते हैं।

इन मंत्रों का उच्चारण करने से आप सूर्य देव की ऊर्जा से प्रेरित होते हैं और अपने शरीर, मन और आत्मा को संतुलित बनाते हैं। सूर्य नमस्कार का अभ्यास आपको शांति, स्वास्थ्य, और सफलता की ओर ले जाता है। इसे नियमित रूप से अभ्यास करने से आप अपनी तनाव, चिंताओं और रोगों से मुक्त होते हैं और जीवन में सफलता की ओर आगे बढ़ते हैं।

सूर्य नमस्कार के 13 मंत्र
surya namaskar ke 13 mantra

सूर्य नमस्कार के फायदे | surya namaskar fayde

सूर्य नमस्कार एक प्रकार का सैकड़ों साल पुराना योग है, जो शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक स्वास्थ्य को सुधारने में मदद करता है। इसके कुछ महत्वपूर्ण फायदे निम्नलिखित हैं:

शारीरिक लाभ: सूर्य नमस्कार का अभ्यास करने से आपके शरीर की गतिविधियां सुधरती हैं और आपके मांसपेशियों को ताकत मिलती है। मानसिक लाभ: सूर्य नमस्कार के अभ्यास से मानसिक स्थिति बेहतर होती है। यह आपको तनाव से दूर रखता है और ध्यान करने की क्षमता को बढ़ाता है।
पाचन तंत्र को सुधारना: सूर्य नमस्कार का अभ्यास करने से आपके पाचन तंत्र को सुधार मिलता है जिससे आपकी खाने के बाद में होने वाली  जलन, गैस आदि कम होती है।


निरोगी जीवन: सूर्य नमस्कार का अभ्यास करने से आप बीमारियों से बचते हैं और निरोगी जीवन जीते हैं। यह आपके शरीर की क्षमता को बढ़ाता है।
एकाग्रता बढ़ाना: सूर्य नमस्कार के अभ्यास से आपकी धारण शक्ति बढ़ती है। इससे आप ध्यान करने में और ज्ञान को अधिक समझने में सहायता प्राप्त कर सकते हैं।

सूर्य नमस्कार के 13 मंत्र
सूर्य


श्वास तंत्र को सुधारना: सूर्य नमस्कार के अभ्यास से श्वास तंत्र को सुधारने में मदद मिलती है। इससे श्वास की क्रिया बेहतर होती है जो आपके श्वसन की गति को संतुलित रखता है।

सूर्य नमस्कार के फायदे इन हिंदी


गर्भावस्था में सहायता: सूर्य नमस्कार का अभ्यास गर्भवती महिलाओं के लिए बहुत फायदेमंद होता है। इससे गर्भवती महिलाएं अपनी स्थिति के अनुसार आसनों को समायोजित कर सकती हैं और बेहतर प्रसव के लिए तैयार हो सकती हैं। लेकिन गर्भवती महिलाओं को किसी प्रोफेसनल योगा टीचर से सलाह पर ही आसान का चयन करना चाहिए। 


ब्लड सर्कुलेशन को सुधारना: सूर्य नमस्कार के अभ्यास से आपके ब्लड सर्कुलेशन में सुधार होता है। इससे आपके शरीर में ऑक्सीजन और पोषक तत्वों की आपूर्ति बेहतर होती है।

शरीर को संतुलित बनाना: सूर्य नमस्कार के अभ्यास से आपके शरीर को संतुलित बनाने में मदद मिलती है। इससे आपके शरीर के हर अंग को एक बराबर मात्रा में उपयोग किया जाता है।


वजन कम करने में मदद: सूर्य नमस्कार के अभ्यास से आप अपना वजन कम करने में मदद प्राप्त कर सकते हैं। यह आपकी तोंद कम करने में मदद करता है और आपको फिट और स्वस्थ रखने में मदद करता है।


त्वचा को चमकदार बनाना: सूर्य नमस्कार के अभ्यास से आपकी त्वचा को चमकदार बनाने में मदद मिलती है। इससे आपकी त्वचा की रक्षा होती है और आप खूबसूरत दिखते हैं।


दिमाग को शांत करना: सूर्य नमस्कार के अभ्यास से आपका दिमाग शांत होता है। इससे आप तनाव को कम कर सकते हैं और शांति का अनुभव कर सकते हैं।

सूर्य नमस्कार आपको शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक रूप से फायदा प्रदान करता है। इसे नियमित रूप से अभ्यास करने से आपका शरीर स्वस्थ और मन शांत होता है। 

सूर्य नमस्कार के नुकसान | सूर्य नमस्कार के फायदे और नुकसान

सूर्य नमस्कार करने के नुकसान नहीं हैं, लेकिन इसे सही तरीके से करना बहुत जरूरी है। अगर आपकी स्वास्थ ठीक नहीं रहता हैं तो आपको सूर्य नमस्कार करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए। अन्यथा इसके कुछ संभव नुकसान निम्नलिखित हो सकते है।

  1. अगर आपके कमर या घुटनों में दर्द है तो आपको सूर्य नमस्कार करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए।
  2. अगर आप गर्भवती हैं तो आपको सूर्य नमस्कार करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए।
  3. सूर्य नमस्कार करने से पहले शुगर, हाई ब्लड प्रेशर, हार्ट रोग, स्किन इंफेक्शन या किसी अन्य चिकित्सीय स्थिति से पीड़ित लोगों को अपने डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए।
  4. सूर्य नमस्कार करते समय अगर आपको चक्कर आते हैं या आप असंतुलित महसूस करते हैं तो तुरंत बंद कर दें और डॉक्टर से परामर्श करें।
  5. सूर्य नमस्कार करते समय अगर आप श्वास लेने में असमर्थ होते हैं तो तुरंत बंद कर दें और डॉक्टर से परामर्श करें।

आपको सूर्य नमस्कार योग और आसान करने से पहले किसी प्रोफेसनल योगा टीचर से परमर्श लेना चाहिए या आप अपने डॉक्टर से भी सलाह ले सकते है।

सूर्य नमस्कार के 13 मंत्र
सूर्य नमस्कार

Q&A

1 दिन में कितनी बार सूर्य नमस्कार करना चाहिए?

एक दिन में सूर्य नमस्कार की संख्या व्यक्ति के आयु, शरीर के स्थिति, शारीरिक शक्ति और व्यायाम की अनुभूति पर निर्भर करती है। ध्यान रखें कि सूर्य नमस्कार एक शारीरिक और मानसिक व्यायाम है जिसके लिए आपको अपनी शारीरिक और मानसिक स्थिति के अनुसार इसकी संख्या तय करनी चाहिए।

आमतौर पर, एक व्यक्ति करीब 10-12 सूर्य नमस्कार पूरे कर सकता है। शुरुआत में आप कुछ समय के लिए रोजाना कम संख्या के साथ शुरू कर सकते हैं और धीरे-धीरे संख्या बढ़ा सकते हैं।

क्या सूर्य नमस्कार से बॉडी बन सकती है?

सूर्य नमस्कार एक शारीरिक व्यायाम है जो शरीर के विभिन्न अंगों को स्वस्थ रखने में मदद करता है। इस व्यायाम से शरीर की मांसपेशियां मजबूत होती हैं और साथ ही साथ शरीर को फिट और तंदुरुस्त रखने में मदद मिलती है।

हालांकि, सिर्फ सूर्य नमस्कार से बॉडी बनना असंभव है। अगर आप एक स्वस्थ और फिट बॉडी चाहते हैं, तो आपको सही खानपान और अन्य व्यायामों के साथ सूर्य नमस्कार को भी शामिल करना चाहिए।

सूर्य नमस्कार का सही समय कौन सा है?

सूर्य नमस्कार का सबसे उपयुक्त समय सवेरे का होता है, जब सूर्योदय होता है। सूर्योदय के समय सूर्य के बहुत सारे गुण होते हैं, जो शरीर के लिए बेहद उपयोगी होते हैं। सूर्योदय के समय वातावरण शुद्ध और शांत होता है जो सूर्य नमस्कार करने के लिए बेहतर होता है।

हालांकि, यदि आप सुबह सूर्योदय के समय सूर्य नमस्कार नहीं कर सकते हैं, तो आप दोपहर या शाम के समय भी सूर्य नमस्कार कर सकते हैं। शाम के समय सूर्यास्त होता है जो भी बेहद शांत और शुद्ध होता है जो सूर्य नमस्कार करने के लिए उपयुक्त होता है।

सूर्य नमस्कार का इतिहास क्या है?

सूर्य नमस्कार का इतिहास बहुत पुराना है। इसकी उत्पत्ति वेदों से मानी जाती है जो लगभग 2500 ईसा पूर्व के दौरान लिखे गए थे। वेदों में सूर्य को एक महत्वपूर्ण देवता माना जाता है।

इसके अलावा, सूर्य नमस्कार को प्राचीन भारतीय संस्कृति में अनेक रूपों में प्रचलित किया गया है। जैसे कि, योग शास्त्र में सूर्य नमस्कार एक प्रमुख आसन है जो शरीर को सुगठित करने में मदद करता है। आज भी, सूर्य नमस्कार भारत और विश्व भर में व्यापक रूप से अभ्यास किया जाता है।

यह भी पढ़े: 1- माँ दुर्गा जी की आरती|| 2- शंकर जी की आरती 3- लक्ष्मी जी की आरती 4- ओम जय जगदीश हरे आरती 5- साई बाबा की आरती

आशा करते हैं की आपको यह जानकारी अच्छी लगी होगी। आप हमें अपने सुझाव और शिकायत के लिये नीचे कमैंट्स बॉक्स मैं जानकारी दें सकते हैं।

+ posts

नमस्कार 🙏दोस्तों, मेरा नाम पूजा है। मैंने MA हिंदी साहित्य से किया है। मुझे हिंदी में लेख लिखने का बहुत शौक है। हिंदी साहित्य से मास्टर करने के बाद मैंने ब्लॉग लिखने की शुरआत की। दोस्तों आपको मेरे ब्लॉग पोस्ट कैसे लगते है इस बारे में आप मुझे बता सकते है। मुझे सम्पर्क करने के लिए आप कमेंट बॉक्स में कमेंट कर सकते है। धन्यवाद !

0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments
0
Would love your thoughts, please comment.x
()
x