Short Hindi story for class 1 : दोस्तों इस लेख में सोने की चिड़िया की कहानी है यह एक बहुत ही खूबसूरत कहानी है। जिसको आप एक बार अवश्य पढ़े। इस कहानी को छोटे बच्चे भी पढ़ सकते है क्युकि इसको पढ़ने से काफी मनोरंजन होगा और कुछ सीखने को नहीं मिलेगा।
सोने की चिड़िया की कहानी– Short Hindi story for class 1
बहुत समय पहले की बात है। एक राजा था उसके तीन लड़के थे. राजा अपने दो बड़े राजकुमारो को अच्छा मानता था क्युकि दोनों राजकुमारों ने शिक्षा और शास्त्र में महारत हासिल की थी। सबसे छोटे राजकुमार को राजा निकम्मा और बेवकूफ समझता था। राजा एक बहुत बड़े महल में रहता था। महल के पास में ही एक बहुत सुन्दर बगीचा था। बगीचे में अनेक प्रकार के पेड़, फूल और जड़ी बूटीया लगी रहती थी परन्तु बगीचे की खास बात यह थी की उसमें एक सेव का पेड़ भी था। सेव के पेड़ में सोने के सेब लगते थे।
राजा ने सोने के सेब के पेड़ को चोरों से बचाने के लिए वहाँ चौकीदार पहरे पर लगाए थे। एक दिन की बात है जब चौकीदार पेड़ो पर लगे सोने के सेबों की गिनती कर रहा था तब गिनती में उनमें से एक सेब कम होता है। वह दोबारा गिनती करता है फिर भी एक सेब कम होता है। वह समझ जाता है की सेब चोरी हो गया है। वह बगीचे से सीधे महल में पहुँचता है और राजा को सारी बात बताता है। राजा को समझ नहीं आ रहा था की इतनी अच्छी देखभाल के बाद भी सेब कैसे चोरी हो गया। राजा ने आदेश दिया की जो भी व्यक्ति उस चोर को पकड़ेगा राजा उसे ईनाम देंगे।

राजा ने सेब के पेड़ की देखभाल की जिम्मेदारी अपने बड़े बेटे अथार्त बड़े राजकुमार को सौंप दी। अगली रात सेब के पेड़ की पहरेदारी बड़ा राजकुमार करने लगा लेकिन कुछ देर बाद उसे नींद आ गयी। सुबह को जब सेबों की गिनती हुई फिर उसमें से एक सेब चोरी हो गया। बड़े राजकुमार ने यह बात राजा को बताई। राजा को उसकी बात सुनकर दुखी हुआ। अब राजा ने पेड़ की जिम्मेदारी मजले राजकुमार अथार्त अपने दूसरे बेटे को सौंपी।
अगली रात दूसरा राजकुमार सेब के पेड़ की पहरेदारी करने लगा लेकिन दूसरे राजकुमार को भी रात में नींद आ गयी। जब सुबह सोने के सेबों की गिनती हुई तो इस बार भी एक और सेब चोरी हो गया। राजा को कुछ समझ नहीं आ रहा था की आखिर पहरेदारी के बाद भी चोर चोरी में कैसे कामयाब हो रहा है। राजा बहुत चिंतित था वह दरबारियों से परामर्श ले रहा था तभी सबसे छोटे राजकुमार ने कहा की वह सेब के पेड़ की निगरानी करेगा।
राजा उसकी बात सुन कर बोले की तुमसे भी समझदार लोग यह पता नहीं लगा पाए की चोरी कौन कर रहा है तो तुम तो बेवकूफ हो तुम से हमें कोई आशा नहीं है। तुम यहाँ से जाओ कुछ और काम करो परन्तु राजकुमार नहीं माना उसने राजा से गुहार लगाई की उसे एक मौका दिया जाये। अंत में राजा राजी हो गया।
राजा का आदेश मिलते ही छोटा राजकुमार रात को पेड़ की पहरेदारी करने लगता है उसने तय किया की वह किसी भी हाल में चोर को पकड़ ही लेगा। जैसे ही आधी रात हुई राजकुमार ने देखा एक सोने की चिड़िया पेड़ की और आ रही है। चिड़िया जैसे ही पेड़ के नजदीक पहुँचती है राजकुमार चौकन्ना हो जाता है। जैसे ही राजकुमार को कुछ समझ आता उससे पहले ही चिड़िया पेड़ से एक सोने का सेब तोड़ कर उड़ जाती है।
सोने की चिड़िया
राजकुमार जल्दीबाजी में अपने धनुष से एक तीर चिड़िया को और चला देता है परन्तु चिड़िया वहाँ से उड़ने में कामयाब हो जाती है। राजकुमार के तीर चलाने से चिड़िया का एक सोने का पंख नीचे जमीन में गिर जाता है जिसे राजकुमार उठा लेता है। अगली सुबह राजकुमार हाथ में पंख को पकड़कर राजा को सौपता है और रात की पूरी घटना की जानकारी देता है। राजा सोने की चिड़िया का पंख देख कर बोलते है की जब उस चिड़िया का पंख इतना खूबसूरत है तो वह चिड़िया कितनी खूबसूरत होगी। राजा तुरन्त चिड़िया को पकड़ने का आदेश देता है।
सबसे पहले बड़ा राजकुमार चिड़िया को पकड़ने के चल पड़ता है। वह चलते-चलते एक जंगल में पहुंच जाता है। जंगल में एक पेड़ के नीचे एक लोमड़ी आराम कर रही थी। राजकुमार उसे देखते ही अपने धनुष से बाण चलाने लगता है तभी लोमड़ी राजकुमार से बोलती है “मुझे मत मारो! मुझे पता है तुम सोने की चिड़िया को ढ़ूढ़ने निकले हो”। तुम सीधे -सीधे इस रास्ते पर जाओ कुछ दूर चलने पर तुम्हें एक गांव दिखेगा।
उस गांव में आमने-सामने दो सरायें है। एक शराय फूलों से बहुत सजी-धजी और खूबसूरत होगी परन्तु तुम वह मत ठहरना उसके सामने जो दूसरी सराय है जोकि बहुत गंदी और मैली होगी तुम वहाँ पर ठहरना। अगर तुम मेरी बात मानोगे तो तुम्हारा काम बहुत आसान हो जायेगा।
लोमड़ी की बात सुन कर राजकुमार जोर-जोर से हसने लगता है और कहता है “चल यह से भाग जा ! नहीं तो आज तुम्हारा अंतिम दिन होगा। मुझे तुम्हारे परामर्श की कोई जरुरत नहीं है”। राजकुमार लोमड़ी को मारने के लिए तीर छोड़ देता है परन्तु लोमड़ी बहुत चालाक होती है वह वहाँ से बचकर चली जाती है।

जंगल से कुछ दूर चलने पर शाम हो जाती है। राजकुमार को पास में एक गांव दिखाई देता है वह गांव की तरफ चल पड़ता है। गांव में पहुंचने पर उसे आमने-सामने दो सरायें दिखती है। एक सराय बहुत गन्दी सी थी और दूसरी सराय बहुत सजी-धजी थी और उसके अंदर से नृत्य और संगीत की आवाज आ रही थी। राजकुमार उस सराय में चल जाता है। सराय के अंदर पहुंचते ही राजकुमार नृत्य, संगीत और मदिरा के लोभ में सब कुछ भूल जाता है।
उधर महल में बहुत समय हो जाता है। राजकुमार की कोई खबर नहीं मिलने पर दूसरा राजकुमार चिड़िया की खोज में चले जाता है। दूसरे राजकुमार को भी रास्ते में लोमड़ी मिलती है वह भी लोमड़ी की बात नहीं मानता है और चलते-चलते उसी गांव में पहुंच जाता है। वह भी अपने भाई की तरह उसी खूबसूरत शराय में ठहरता है और वापस नहीं आता है। महल में बहुत समय होने के बाद छोटा राजकुमार राजा से कहता है उसे मौका दिया जाये वह चिड़िया को ढूढ़ कर लाएगा। राजा को अपने तीसरे राजकुमार से कोई आशा नहीं थी परन्तु उसकी जिद की वजह से राजा ने उसे अनुमति दे दी।
अब सबसे छोटा राजकुमार चिड़िया की खोज में निकल पड़ता है। चलते-चलते उसे भी रास्ते में लोमड़ी मिलती है वह लोमड़ी की बात को ध्यान से सुनता है और कहता है ठीक है में वैसा ही करूँगा जैसा तुमने कहा है और आगे को चल पड़ता है। लोमड़ी राजकुमार की बात सुनकर खुश होते हुए बोलती है मुझे तुम सबसे अच्छे राजकुमार लग रहे हो तुमने मेरी बात का मजाक भी नहीं उड़ाया और मुझ पर तीर भी नहीं चलाया। लोमड़ी राजकुमार से बोलती है कि में चिड़िया को पकड़ने के लिए तुम्हारी मदद करुँगी।
वह राजकुमार से बोलती है की वह उसके पूछ में बैठ जाये और इतना बोलते ही लोमड़ी की पूछ बहुत बड़ी हो जाती है। राजकुमार लोमड़ी की पूछ में बैठ जाता है और लोमड़ी राजकुमार को लेकर हवा में उड़ने लगती है। उड़ते-उड़ते थोड़ी देर में वह गांव आ जाता है लोमड़ी राजकुमार को वहाँ उतार देती है और चली जाती है।
Short Hindi story for class-1
राजकुमार लोमड़ी की सलाह को मानता है और उस गन्दी सी दिखने वाली शराय में रात गुजारने को चले जाता है। दूसरे दिन सुबह वह चिड़िया की तलाश में निकल जाता है तभी उसे रास्ते में लोमड़ी मिलती है जो उसका इंतजार कर रही थी। लोमड़ी ने राजकुमार से कहा कि अब में तुम्हें बताती हु कि तुम्हें आगे क्या करना है। तुम सीधे चलते जाना आगे जाकर तुमको एक बहुत बड़ा किला मिलेगा जिसकी पहरेदारी बहुत सारे सिपाही कर रहे होंगे।
तुम उन सिपाहियों से मत डरना बल्कि सीधे अंदर चले जाना क्युकि वह उस समय गहरी नींद में सो रहे होंगे। तुम आराम से अंदर चले जाना चलते-चलते तुम उस कमरे में पहुंच जाओगे जहाँ पर चिड़िया को रखा है।चिड़िया को एक लकड़ी के पिंजरे में रखा होगा और उसी कमरे में एक खाली सोने का पिंजरा भी रखा होगा ध्यान रहे तुम चिड़िया को लकड़ी के पिंजरे के साथ ही बाहर लाना अगर तुमने सोने के पिंजरे के बारे में सोचा तो तुम्हें पछताना पड़ सकता है। इसके बाद राजकुमार लोमड़ी की पूछ में बैठ जाता है और लोमड़ी उसे किले के पास छोड़ कर लौट जाती है।
राजकुमार जैसे ही किले के नजदीक पंहुचा उसने देखा सचमुच में सब पहरेदार सो गए थे। वह आगे किले के अंदर चले गया। किले के अंदर चलते-चलते वह उस कमरे तक पहुंच गया जहाँ चिड़िया को रखा था। वह उस कमरे के अंदर गया उसने देखा एक लकड़ी के पिंजरे में वह चिड़िया बैठी थी और पास ही में तीन सोने के सेब भी पड़े थे। राजकुमार को समझने में देर नहीं लगी कि यह वही चिड़िया है जिसकी खोज में वह महल से इतनी दूर आया है।राजकुमार लकड़ी के पिंजरे को हाथ में उठाता है और चलने लगता है तभी उसकी नजर पास में रखे सोने के पिंजरे पर पड़ती है।
पिंजरा सोने के साथ-साथ बहुत ही खूबसूरत था उस पर हीरे-मोती में बहुत सी प्यारी मालाएं लदी थी।राजकुमार सोचता है कि सोने की चिड़िया के लिए यह सोने का पिंजरा उचित रहेगा। वह लोमड़ी की कही बात को भूल जाता है और चिड़िया को लकड़ी के पिंजरे से निकल कर सोने के पिंजरे में डाल देता है। सोने के पिंजरे में जाते ही चिड़िया जोर-जोर से चिल्लाने लगती है। चिड़िया के शोर करने से सारे पहरेदार जाग जाते है और उस उस कमरे में आ जाते है। राजकुमार को अब बहुत पछतावा हो रहा था कि उसे लोमड़ी की बात मान लेनी चाहिए थी। पहरेदार उसे पकड़ के वहाँ के राजा के दरबार में ले जाते है।
सोने की चिड़िया सोने का घोड़ा कहानी
राजकुमार राजा को सारी बात बताता है।राजा बोलता है तुम मेरे महल में चोरी करने के इरादे से घुसे थे। तुम्हे माफ़ नहीं किया जा सकता है तुम्हे फ़ासी की सजा दी जाएगी, लेकिन अगर तुम मेरे लिए सोने का घोड़ा लेकर आओगे तो तुम्हे माफ़ कर देंगे और साथ में तुम्हे सोने की चिड़िया दे दी जाएगी। राजकुमार को कुछ समझ नहीं आ रहा था वह राजा की बात को मान लेता है और सोने के घोड़े की खोज में निकल पड़ता है रास्ते में उसे लोमड़ी मिलती है वह उसे सारी बात बताता है।
लोमड़ी बोलती है तुमने मेरी बात नहीं मानी अब में तुम्हारी मदद नहीं कर सकती हु। राजकुमार लोमड़ी से माफ़ी मांगता है और कहता है कि बिना उसकी मदद से वह कुछ नहीं कर पायेगा। लोमड़ी राजकुमार को माफ़ कर देती है। अब लोमड़ी राजकुमार से कहती है कि यहाँ से आगे जाने पर एक और किला है जिसके अंदर घुड़साल में वह सोने का घोड़ा खूटी में बधा है। किले के फाटक पर सैनिकों की टुकड़ी पहरेदारी करती है लेकिन, जब तक तुम वह पहुँचोगे वह सब सो जायेगे।
तुम सीधे महल के अंदर घुड़साल में चले जाना। वहाँ पहुंचते ही तुम उस घोड़े को खोल देना।खूटी के पास में ही घोड़े को कसने के लिए दो जीने रखी होंगी। एक जीन पुराने चमड़ी की होगी और दूसरी जीन सोने की होगी। तुम घोड़े को पुरानी चमड़े वाली जीन से ही कसना और उस पर बैठ कर जल्दी से महल से बाहर आ जाना। राजकुमार वादा करता है कि वह ठीक वैसा ही करेगा। लोमड़ी राजकुमार को पूछ में बैठाकर महल के फाटक पर छोड़ कर चली जाती है।

राजकुमार जैसे ही किले के फाटक पर पहुँचा उसने देखा सरे सैनिक सो गए थे। वह किले के अंदर चले जाता है। चलते-चलते वह घुड़साल पहुंच जाता है। वहाँ पर उसे एक खूटी में सोने का घोड़ा रस्सी से बांधा मिलता है। वह घोड़े को खोल देता है। तभी उसकी नजर पास में रखें जीनो पर पड़ती है। राजकुमार को सोने वाली जीन बहुत पसंद आती है। वह सोचता है की सोने के घोड़े के लिए सोने से बनी जीन ही अच्छी रहेगी।
वह पुरानी चमड़े की जीन को हाथ भी नहीं लगाता है और सोने की जीन से घोड़े को कसने लगता है। सोने की जीन जिसे ही घोड़े पर पड़ती है वैसे ही घोड़ा जोर-जोर से हिनहिनाने लगता है। उसकी आवाज से सारे सैनिक घुड़साल में पहुंच जाते है। अब राजकुमार को बहुत पछतावा होता है उसने इस बार भी लोमड़ी की बात नहीं मानी। तभी सारे सैनिक उसे पकड़ लेते है और घसीट कर राजा के पास ले जाते है। राजकुमार राजा को सारी बात बता देता है।
राजा बोलता है की तुमने मेरी महल में चोरी करने की कोशिश की है इसलिए तुम्हे फांसी की सजा दी जाएगी। लेकिन में तुम्हे एक मौका देना चाहता हु। यहाँ से कुछ दूर पर एक महल है। उस महल में एक बहुत खूबसूरत राजकुमारी है। अगर तुम उस राजकुमारी को भगाकर मेरे पास ले आते हो तो तुम्हें माफ कर दिया जायेगा और साथ में तुम्हे सोने का घोड़ा भी मिल जायेगा। राजकुमार के पास जान बचाने का और कोई रास्ता नहीं था वह राजा की बात मान लेता है और राजकुमारी को ढूढ़ने के लिए महल की और चले जाता है।
Short Hindi story for class 1
आगे जाकर उसे रास्ते में फिर से लोमड़ी मिल जाती है। इस बार पता नहीं कैसे लोमड़ी को पहले से ही मालुम था। वह राजकुमार से कहती है। “देखा फिर से तुमने मेरी बात नहीं मान कर एक नई मुसीबत को गले लगा लिया है”। मुझे तुम पर दया आ रही है में इस बार भी तुम्हारी मदद करुँगी इतने में ही लोमड़ी अपनी पूछ फैला देती है। राजकुमार को पूछ में बैठाकर लोमड़ी महल की और उड़ने लगती है।
लोमड़ी राजकुमार से कहती है कि तुम महल पहुंचते ही महल के बाहर पेड़ की आड़ में छिप जाना। शाम होते ही राजकुमारी महल के बाहर नहाने आएगी। तुम जैसे ही उसे छुओगे वो तुम्हारे साथ आने को तैयार हो जाएगी। तुम उसे महल के अंदर मत जाने देना वह अपने माता-पिता से मिलने की जिद करेगी परन्तु तुम उसे महल के अंदर मत जाने देना। थोड़ी ही देर में महल आ जाता है लोमड़ी राजकुमार को महल के सामने छोड़ का चली जाती है।

राजकुमार के महल के पास पहुंचते ही वह पास के एक पेड़ की आड़ में चिप जाता है और शाम होने का इंतजार करने लगता है। जैसी ही शाम होती है राजकुमारी महल से बाहर नहाने के लिए निकलती है। राजकुमार हिम्मत कर के जैसे ही राजकुमारी को छूता है वैसे ही राजकुमारी चलने के लिए तैयार हो जाती है। राजकुमारी बोलती है ” में तुम्हारे साथ चलने को तैयार हु परन्तु मुझे एक बार अपने माता-पिता से मिलता है में बस एक बार उनसे मिलकर आना चाहती हु “। राजकुमारी बहुत जिद करने लगती है, राजकुमार उसे एक बार माता-पिता से मिलने के लिए अनुमति दे देता है।
जैसे ही राजकुमारी महल के अंदर जाने के लिए कदम रखती है उसकी आवाज से पास खड़े सैनिक जाग जाते है। वह राजकुमार को पकड़कर राजा को सौप देते है। राजा बहुत दुखी होता है। वह राजकुमार को तुरंत फासी देने का एलान कर देता है। राजकुमार फासी की सजा सुनने पर जोर-जोर से रोने लगता है और अपनी जान बक्श देने की गुहार लगाता है। तभी राजा बोलता है कि “मेरे महल के सामने एक बहुत बड़ा पहाड़ है जिससे मेरे महल की खूबसूरती ढक जाती है अगर तुम उसे एक हफ्ते में खोद कर नष्ट कर दोगे तो में तुम्हारी जान बक्श दूंगा”।
पास आकर लोमड़ी राजकुमार से बोलती है ” क्या तुम इस पहाड़ को अपनी इस छोटी सी कुदाल से खोदना चाह रहे हो”। लोमड़ी को अपने पास देख राजकुमार बहुत खुश हो जाता है। वह सोचता है अब से वह हमेशा लोमड़ी की बात को मानेगा। लोमड़ी राजकुमार से कहती है तुम्हें रोज ये पहाड़ खोदते हुए देखकर मैने तुम्हारी मदद करने की सोची है। तुम अब सो जाओ पहाड़ खोदने की जिम्मेदारी अब मेरी है। राजकुमार सो जाता है और सुबह उठकर देखता है वहाँ पर कोई पहाड़ नहीं रहता है और महल भी बहुत खूबसूरत दिखने लगता है।

राजकुमार का काम देखकर राजा बहुत खुश हो जाता है। वह कब से उस पहाड़ को खोदने की कोशिश कर रहा था पर कभी सफल नहीं हो पाया। वह राजकुमार की फासी माफ़ कर देता है और साथ में राजकुमार की शादी राजकुमारी से कर देता है। राजकुमार अब राजकुमारी को लेकर वहाँ से चले जाता है। रास्ते में उसे लोमड़ी मिलती है। लोमड़ी राजकुमार की शादी देखकर बहुत खुश हो जाती है। वह राजकुमार से कहती है की क्या तुम राजकुमारी के साथ-साथ सोने का घोड़ा और सोने की चिड़िया को भी पाना चाहता है क्युकि वह दोनों तुम्हारे लिए ही बने है। तुम उनकी बहुत अच्छे से देखभाल कर सकते हो।
राजकुमार बोलता है पर यह कैसे संभव है में तो यह राजकुमारी भी उस राजा के लिए ले जा रहा हु। लोमड़ी बोलती है नहीं राजकुमार तुम ऐसा गलत काम कभी मत करना। यह तुम्हारी पत्नी है इससे तुम्हारी शादी हुई है। में तुम्हे बताउंगी की आगे तुम्हें क्या करना है जिससे तुम्हें सोने का घोड़ा और सोने की चिड़िया भी प्राप्त हो जाएगी। राजकुमार लोमड़ी की बात सुनता है।
लोमड़ी कहती है तुम राजकुमारी को ले जा कर सबसे पहले उस सोने के घोड़े वाले राजा को देना। राजा खुश होकर तुमको सोने का घोड़ा दे देगा। जब तुम सोने के घोड़े के ऊपर बैठोगे तो तुम विदाई के बहाने राजकुमारी के पास जाना और उसे पक़ड कर घोड़े के साथ महल से भाग जाना। सोने का घोड़ा इतनी तेज दौड़ता है की तुम्हे कोई पकड़ भी नहीं पायेगा। तुम यह काम कर मुझे जंगल में मिलना। वहाँ में तुम्हारा इंतजार करुँगी। आगे की योजना हम बाद में बनायेगे पहले तुम इसे पूरा करो।
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राजकुमार ठीक वैसा ही करता है वह राजकुमारी को सोने के घोड़े के राजा को सौप देता है। राजा खुश होकर उसे घोड़ा देता है और जैसे ही राजकुमार घोड़े के ऊपर बैठता है। वह विदाई के बहाने राजकुमारी के पास आता है और राजकुमारी को पकड़ कर वहाँ से भाग जाता है। सोने का घोड़े में दोनों बहुत तेज से भागकर जंगल में लोमड़ी के पास पहुंच जाता है। लोमड़ी राजकुमार को देखकर बोलती है कि ठीक इसी तरह तुम्हें सोने की चिड़िया भी मिल सकती है। राजकुमार लोमड़ी की योजना को गौर से सुनता है। लोमड़ी बोलती है कि अब तुम सीधे उस किले में जाओ जहाँ सोने की चिड़िया है।
वहाँ का राजा तम्हें सोने के घोड़े के बदले सोने की चिड़िया देगा परन्तु, तुम घोड़े में से नीचे मत उतरना। तुम राजा को बोलना की पहले वह उसके हाथ में वह लकड़ी का पिंजरा रखें जिसमें सोने की चिड़िया है। जैसे ही तुम्हारे हाथ में पिंजरा आएगा तुम तुरन्त वहाँ से घोड़े में सवार होकर भाग जाना। राजकुमार ठीक लोमड़ी की योजना पर काम करता है वह उस किले जाता है और वहाँ से वह लकड़ी के पिंजरे में रखी सोने की चिड़िया और सोने के घोड़े के साथ भाग जाता है। जंगल में उसे फिर से लोमड़ी मिलती है।
वह लोमड़ी से कहता है तुमने मेरी बहुत मदद की है में तुम्हें ईनाम देना चाहता हु बताओ तुम्हें ईनाम में क्या चाहिए। लोमड़ी बोलती है की राजकुमार ईनाम के तौर पर तुम अपने धुनष से एक तीर मुझ पर चला दो। राजकुमार बोलता है “में भला तुमको क्यों मारूंगा तुमने मेरी बहुत बार सहायता की है”। लोमड़ी कहती है ठीक है राजकुमार पर मेरी दो बातों को गौर से सुनना। तुम कभी भी किसी पानी के कुँए की दीवार पर मत बैठना और ऐसे आदमियों पर अपना धन खर्च मत करना जिनको फांसी होने वाली हो।
राजकुमार लोमड़ी से कहता है तुम कभी-कभी क्या बोलती हो मेरी कुछ समज में नहीं आता में भला कुँए के पास क्यों जाऊंगा”। अब राजकुमार लोमड़ी से विदा लेता है और घर की और चले जाता है। वह सोने के घोड़े पर बैठ कर राजकुमारी और हाथ में सोने की चिड़िया के साथ बहुत तेजी से चलने लगता है। रास्ते में उसे वह गांव मिलता है जहाँ पर दो सराये थी। गांव में पहुंचते ही गांव वाले सुंदर सी राजकुमारी और घोड़े को देखने के लिए जमा हो जाते है।

राजकुमार वहाँ से निकलने वाला ही होता है कि तभी उसे पास में कुछ भीड़ दिखती है। वह भीड़ के करीब पहुँचता है तो वहाँ पर दो आदमियों को फासी दी जा रही होती है। वह दोनों राजकुमार के भाई होते है। वें दोनों तब से उस सजी-धजी सराय में रह रहे थे और वहाँ पर बहुत बुरे कामों में लिप्त हो गए थे। वे वहाँ पर जुआ खेलने लगे थे उन्होंने बहुत लोगो से और गांव वालों से उधार भी लिया था। इसी कारण गांव वाले उनको फांसी देने जा रहे थे। राजकुमार अपने भाइयों को पहचान लेता है।
वह गांव वालों को घन देकर उन्हें छुड़ा लेता है। अब वह अपने भाईओं और राजकुमारी, घोड़े और चिड़िया के साथ घर को रवाना हो जाता है। रास्ते में एक जगह पर राजकुमार कुछ देर आराम के लिए रुकता है। वह इतने दूर के सफर में थक गया था। वहीं पास में कुआँ था राजकुमार टहलते-टहलते उसकी दीवार पर बैठ जाता है। उतने में ही उनके भाइयो को मौका मिल जाता है। दोनों भाई राजकुमार को कुए में धक्का दे देते है। राजकुमार कुए में गिर जाता है।
दोनों भाई राजकुमारी, सोने का घोड़ा और सोने की चिड़िया को लेकर अपने राज्य में पहुंच जाते है। राजा दोनों राजकुमारों देखकर बहुत खुश होता है। राजकुमार राजा को अपनी झूठी गुणगान करने लगते है। वह राजा से कहते है कि वह सोने की चिड़िया के साथ-साथ यह प्यारी सी राजकुमारी और सोने का घोड़ा भी ले आये। राजा बहुत खुश हुआ परन्तु राजकुमारी बहुत दुखी हुई। उसने खाना छोड़ दिया और साथ में सोने का घोड़ा भी खाना नहीं खा रहा था। और सोने की चिड़िया भी दाना नहीं खा रही थी।

राजा को कुछ समज नहीं आ रहा था। उधर कुए में पानी बहुत कम था जिसकी वजह से राजकुमार जिंदा था। वह सोच रहा था अगर उसने लोमड़ी की बात मान ली होती तो आज उसे ये दिन नहीं देखना पड़ता। उसे विश्वास था की लोमड़ी उसे बचाने जरूर आएगी। राजकुमार सही था तभी लोमड़ी कुए दिवार पर आ जाती है और राजकुमार से बोलती है देखा तुमने मेरी बात नहीं मानी और फिर से मुसीबत में फस गए। लोमड़ी अपनी पूछ को कुए में डालती है। पूछ बड़ी होकर कुए के नीचे पहुंच जाती है। राजकुमार पूछ में लटककर कुए से बहार आ जाता है।
लोमड़ी राजकुमार को उसके भाइयों के करतूत के बारे में बताती है। वह राजकुमार से कहती है तुम अपने भाइयों से बचकर रहना वें लोग अब भी कुछ साजिश कर सकते है। राजकुमार सब कुछ जानकार महल की और चले जाता है। रास्ते में उसे एक भिकारी मिलता है वह उससे अपने कपड़े बदल देता है ताकि जब वह महल के अंदर प्रवेश करेगा तो उसे उसके भाई पहचान ना सके।
राजकुमार जैसे ही महल में कदम रखता है वैसे ही राजकुमारी, घोडा और चिड़िया की तबीयत ठीक हो जाती है। वे सभी खाना खाने लगते है। राजा राजकुमारी से कारण पूछता है तब राजकुमारी राजा से कहती है की मैंने आपको पहले ही बता दिया था। आपके दोनों बेटे झूठे है हमें आपके छोटे बेटे बचाया है। मेरी उनसे शादी हो गयी थी। अब वो इस महल में आ गए है इसलिए हम सब बहुत खुश है।
short hindi story for class 1
राजकुमारी राजा को इशारा करती है। राजा भीड़ में अपने बेटे को फटे-पुराने कपड़ो में पहचान लेता है। अब राजा अपने छोटे बेटे को बहुत ही समझदार और विद्वान समझने लगता है। वह उसे अपने राज्य का राजा भी बना देता है। राजा अपने दोनों बेटो को उनके गुनाहों के कारण राज्य से निकल देता है। बहुत समय हो जाता है राजकुमार, राजकुमारी और साथ में घोड़ा और चिड़िया भी ख़ुशी-खुशी रह रहे होते है। एक दिन राजकुमार को लोमड़ी की याद आती है वह उसे ढूढ़ने के लिए जंगल की और चला जाता है।
जंगल में एक पेड़ के निचे उसे वह लोमड़ी मिलती है वह अब बहुत ही दुबली हो गयी थी। लोमड़ी राजकुमार को देखकर बोलती है “आज भला तुम कैसे मुझे मिलने आ गए मैने तो सोचा तुम मुझे भूल गए”। राजकुमार को लोमड़ी की दशा ठीक नहीं लग रही थी। वह लोमड़ी से कहता है की वह उसके साथ उसके महल चले। यहाँ जंगल में कब तक रहोगी यहाँ पर दूसरे जानवरों से भी खतरा है। लोमड़ी राजकुमार से कहती है मैंने तुमसे पहले ही कहा था की मुझे तीर से मार दो। दरअसल में एक राजकुमार मुझे किसी ने श्राप दिया था। अगर तुम मुझे तीर मरोगे तो लोमड़ी मर जाएगी और में ठीक हो जाऊंगा।
राजकुमार तुरंत अपने धनुष से एक तीर मारता है। अब राजकुमार के सामने लोमड़ी नहीं बल्कि एक राजकुमार खड़ा था। वह कहता है की वह राजकुमारी का भाई है। अब दोनों राजकुमार महल आ जाते है। राजकुमारी अपने भाई से मिलकर बहुत खुश हो जाती है। अब सब लोग बड़े प्यार से महल में रहने लगते है।
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