Short moral story in Hindi-सच्ची दोस्ती की कहानी

Short moral story in Hindi: दोस्तों आज हम पढ़ेंगे दोस्ती की कहानी जिसे पढ़ कर आपको भी अपनी दोस्तों की याद आ जाएगी।  दोस्तों हम सभी के दोस्त होते है और बहुत से दोस्तों के साथ तो हमारी घनिष्ट मित्रता भी हो जाती है फिर जब वो हमसे दूर जाते है तभी हमको उनकी कमी महसूस होती है। आज के इस लेख में हमने दो दोस्तों की दोस्ती की एक अद्भुत कहानी के बारे में लिखा है जिसे आप बहुत पसंद करेंगे। 

सच्ची दोस्ती की कहानी

एक समय पहले की बात है किसी शहर में एक कुनाल नाम का लड़का अपने माता-पिता के साथ रहता था। कुनाल अपने माता-पिता का इकलौता लड़का था कुनाल के माता-पिता उसको बहुत प्यार करते थे। कुनाल‌ के पिता का बहुत बड़ा बिजनेस था। कुनाल बहुत अमीर घर से था। वह एक अच्छे स्कूल में पढ़ता था और वह पढ़ने में भी बहुत अच्छा था।

कुनाल के पिता अपना बिजनेस संभालते थे और कुनाल की मां घर को बहुत अच्छे से संभालती थी। उसकी मां बहुत समझदार थी वह हमेशा कुनाल से दूसरों की मदद करने के लिए कहती थी वह हमेशा ‌कुनाल‌ को यह सिखाती ‌थी‌ की बेटा हमें हमेशा दूसरों की मदद करनी चाहिए। कुनाल अपनी माँ की बात को गौर से सुनता था।

एक दिन कुनाल अपने स्कूल जा रहा था अचानक उसे रास्ते में एक बुजुर्ग आदमी दिखाई देता है। वह आदमी बहुत गरीब था वह भीख मांग रहा था। उस आदमी को भूखा देख कुनाल को बहुत दया आई और उसने सोचने लगता है कि वह कैसे इस आदमी की मदद कर सकता है । कुछ देर बाद उसको याद आया कि उसके बैग उसका टिफिन बॉक्स है उसने वह टिफिन निकाला और उस गरीब आदमी को दे दिया और फिर वह अपने स्कूल चले गया। 

कुनाल बहुत ही अच्छा और बहुत समझदार लड़का था। वह अपने कक्षा में सबसे शान्त और होशियार लड़का था। उसके कक्षा में एक सोनू नाम का लड़का भी पढ़ता था सोनू भी बहुत गरीब था। सोनू की मां उसी स्कूल में सफाई का काम करती थी। सोनू के पिता एक हादसे में चल बसे थे सोनू पढ़ने में बहुत होशियार था उसकी मां दिन रात मेहनत कर के उसे जैसे-तैसे पढ़ाती थी। वह सोनू को एक बड़ा आदमी बनाना चाहती थी। सोनू इतना गरीब था कि वह कभी भी अपने लिए टिफिन नहीं लाता था। वह हमेशा शान्त और अकेले बैठा रहता था। उसके कक्षा में पढ़ने वाले कुछ बच्चे उसकी गरीबी का बहुत मजाक उड़ाया करते थे। यह सब कुनाल भी देखता था।

Short moral story in Hindi-सच्ची दोस्ती

Short moral story in Hindi

एक दिन जब कुनाल स्कूल से घर आया तो बहुत परेशान था उसकी मां ने पूछा क्या बात है बेटा आज बहुत परेशान लग रहें हों क्या हुआ स्कूल में तुम्हें किसी ने डाटा क्या? तभी कुनाल बोलता है नहीं मां मेरे साथ कुछ नहीं हुआ है  और फिर वह अपनी मां से पूछता है कि माँ भगवान ने इस दुनिया में किसी को अमीर और किसी को गरीब क्यों बनाया है।

उसकी बात सुनकर उसकी मां पूछती है कि बेटा आज तुम ऐसा क्यों पुंछ रहे हो। कुनाल अपनी माँ को सोनू के बारे में बताता है वह अपनी मां से कहता कि माँ  मेरे क्लास में एक सोनू नाम का लड़का पढ़ता है लेकिन वह बहुत गरीब हैं। सब बच्चे उसकी बहुत मजाक उड़ाते हैं।और वह टिफिन भी नहीं लाता है और वह पढ़ने में बहुत अच्छा है।उसके साथ स्कूल में बहुत गलत व्यवहार करते हैं मुझे ये सब अच्छा नहीं लगता है। 

कुनाल की मां उससे कहती हैं कि बेटा क्या इस बारे में तुमने टीचर को बताया।  कुनाल कहता है कि नहीं तब उसकी मां कहती हैं ठीक है बेटा मैं कल खुद तुम्हारे साथ स्कूल चलूंगी और मैं इस बारे मैं खुद बात करूंगी। अगले ही दिन कुनाल और उसकी माँ स्कूल पहुंच गए और सोनू के बारे में टीचर को बताया तब टीचर ने उन बच्चों को डांटा जो सोनू को परेशान किया करते थे।अब से सोनू को कोई परेशान नहीं करते थे । स्कूल की छुट्टी होने के बाद कुनाल और उसकी माँ  घर चले गए। अगले दिन कुनाल सोनू के लिए भी टिफिन बॉक्स और कुछ किताबें ले गया। दोनों अब अच्छे दोस्त बन गये थे।

सच्ची दोस्ती की कहानी

एक दिन सोनू और उसकी माँ  कुनाल के घर गए। सोनू और उसकी मां ने कुनाल और उसकी मां का धन्यवाद किया।और कहा कि हम आपका ये अहसान कैसे चुका पायेंगे।तब कुनाल की माँ ने कहा कि मुझे सोनू से बस एक वादा चाहिए और कुछ नहीं मैं बस इतना चाहती हूं कि सोनू पढ लिख कर एक अच्छी नौकरी करें और दूसरों की मदद करें तब सोनू कुनाल की माँ से  बोलता है कि मैं आपसे वादा करता हूं कि मैं पढ़ लिख कर एक अच्छी नौकरी करूंगा और दूसरों की मदद करूंगा। 

कुछ साल  बाद सोनू को स्कूल की तरफ से इस्कोलरशीप मिलता है और वह आगे की पढ़ाई के लिए दूसरे शहर में चले जाता है  उसकी मां भी उसी के साथ चली‌ जाती है । इधर कुनाल भी अब कालेज में पढ़ाई करने लगता है। कुछ समय बाद कुनाल के पिता जी का बिजनेस में कुछ प्रॉब्लम होने लगता है । कुनाल के पिता जी अपने बिजनेस को बचाने के लिए सब कुछ बेच देते है  लेकिन फिर भी वह अपने  बिजनेस  को नहीं बचा सके और उनका सब कुछ बिक गया । बिज़नेस के बारे में सोच-सोच कर उनकी तबीयत खराब होने लगी इसी वजह से कुछ समय के पश्चात् उसके पिता की मृत्यु हो गई।

कुनाल  परिवार पे दुखों का पहाड़ टुट पड़ा था। कुनाल की पढ़ाई भी छूट गरी थी। वह अपनी मां से कहता है कि माँ हमारे साथ ऐसा क्यों हुआ हमने तो कभी किसी का बुरा नहीं किया और ना बुरा सोचा तो फिर हमारे साथ ऐसा क्यों हुआ तब उसकी मां कहती हैं कि बेटा मैंने तुमसे कहा था ना कि एक जैसा वक्त किसी का नहीं रहता। अब उसके परिवार में उसकी मां और वह थे उनके पास कुछ भी नहीं था। वह फुटपाथ पे रहने लगे थे। उसकी मां घरों पे काम करके खाने का इंतजाम करती थी।  कुनाल को कहीं भी नौकरी नहीं मिल रही थी क्योंकि उसकी पढ़ाई पूरी नहीं हुईं थीं।

moral story in Hindi-सच्ची दोस्ती

कुनाल को कुछ समझ नहीं आ रहा था कि वह क्या करे क्योंकि उसकी कहीं भी नौकरी नहीं मिल रही थी। वह बहुत ही परेशान हो चुका था। एक दिन कुनाल को एक आदमी मिला वह उसे एक फैक्टरी में ले गया। कुनाल वहां पर मजदूरी करने लगा। एक बार वह  काम कर रहा था तभी वहां पर उस फैक्टरी का मैनेजर आता है। वह कुनाल को देखकर उसे पहचान लेता है और बहुत रोने लगता है लेकिन कुनाल उसको नहीं पहचान पाता है जब कुनाल को गले से लगाता है तो तब कुनाल भी उसको पहचान लेता हैं और दोनों बहुत रोते हैं क्युकि उस फॅक्टरी का मैनेजर कोई और नहीं बल्कि उसके बचपन का दोस्त सोनू होता है। 

दोनों को एक साथ देख वहां खड़े सारे मजदूर दंग रह जाते हैं वह सोचते हैं कि हमारे साथ मजदूर करने वाला मेनेजर का दोस्त कैसे हो सकता है। फिर कुनाल अपने साथ हुई सारी  घटना सोनू को बताता है।और सोनू कहता है कि आन्टी कहां है मुझे उनके पास ले चलो तभी कुनाल उस जगह ले जाता है जहां पर वह और उसकी माँ  रहते थे।जब उसने सोनू को देखा तो वह उसे  पहचान नहीं पा रही थी।  सोनू उसके पैरो में गिर कर रोने लगा। वह उससे पूछती है तुम कोन हो बेटा तब वह कहता है कि मैं सोनू हूं । आज मैंने वादा पूरा कर लिया ये सब देख कर वह बहुत खुश होती है। 

सोनू कहता है आंटी मैंने आपको कहाँ नहीं ढूंढा आपने ही मुझे सिखाया था ना कि दूसरों की मदद करना लेकिन आज मैं आपकी मदद करना चाहता हु क्यूंकि मैं जो भी हूं आपकी वजह से हूं अब आप मेरे साथ मेरे घर पर रहोगे। लेकिन कुनाल की माँ  मना करते हुए कहती हैं कि नहीं बेटा तुम ने ये सब सोचा हमारे लिए बहुत है लेकिन सोनू नहीं माना वह दोनों को अपने घर ले गया। सोनू की माँ का बहुत पहले देहांत हो गया था। सोनू कुनाल और उसकी माँ साथ में रहते हैं। सोनू ने कुनाल की पढ़ाई पूरी करवाने के लिए उसका कालेज में एडमिशन कर दिया था। वह सब एक साथ रहने लगे थे।देखा दोस्तों अच्छा करने वालो के साथ हमेशा अच्छा होता है।

यह भी पढ़े:   1-पेड़ों के नाम इंग्लिश में 2-जादुई छतरी की कहानी 3-पेड़ों का नाम इंग्लिश और हिंदी में

आशा करते हैं की आपको यह जानकारी अच्छी लगी होगी। आप हमें अपने सुझाव और शिकायत के लिये नीचे कमैंट्स बॉक्स मैं जानकारी दें सकते हैं।

0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments
0
Would love your thoughts, please comment.x
()
x