Star Topology in Hindi- स्टार टोपोलॉजी

Star Topology in Hindi – क्या आप Star Topology क्या हैं जानते हैं ? इस ब्लॉग में स्टार टोपोलॉजी के बारे मे पूरी जानकारी दी गयी हैं।

स्टार टोपोलॉजी एक नेटवर्क टोपोलॉजी हैं। स्टार टोपोलॉजी मे नेटवर्क से जुड़े सभी उपकरणों ( Examples: कम्प्यूटर, लैपटॉप, सर्वर, प्रिंटर्स आदि ) को एक Central (केंद्रीय) डिवाइस से जोड़ा जाता हैं। यह डिवाइस Switch या Hub हो सकती हैं। Star Topology कम्प्यूटर नेटवर्क में सबसे अधिक इस्तेमाल होने वाला नेटवर्क टोपोलॉजी हैं। यह टोपोलॉजी का इस्तेमाल सभी जगहों कंपनियों, ऑफ़िस ,स्कूल्स आदि जगहों पर बहुत होता है।

What is Star Topology in Hindi ?

Star Topology को Star Network के रूप में भी जाना जाता हैं। इस टोपोलॉजी में Switch या Hub का इस्तेमाल किया जाता हैं जिसमें कम्प्यूटर, लैपटॉप, सर्वर्स आदि उपकरणों को lan cables के द्वारा जोड़ा जाता हैं। हालांकि यह नेटवर्क देखने पर स्टार जैसा नहीं दिख सकता हैं क्युकि सारे डिवाइस एक ही सेंट्रल डिवाइस स्विच से जुड़े होते हैं इसलिए इसको स्टार नेटवर्क कहते हैं। यह नेटवर्क काफी सरल हैं और इसको बनाने में समय भी कम लगता हैं।


उदाहरण के तौर पर, अगर आप के पास कुछ कम्प्यूटर्स, लैपटॉप्स और प्रिंटर्स हैं और आप एक स्टार टोपोलॉजी नेटवर्क कॉन्फ़िगर करना चाहते हैं, तो सबसे पहले आपको Switch, LAN Cables और rj45 कनेक्टर्स की जरूरत होगी। इसके बाद सारे नेटवर्क डिवाइस को Lan केबल्स की मदद से switch में कनेक्ट करना होगा। इस तरह से यह एक नेटवर्क बन जाता हैं और इसी नेटवर्क को Star Topology कहते हैं।

 जानिये : LAN क्या है ?

Star Topology in Hindi
Star Topology in Hindi

Hardware Requirements for Star Topology in Hindi

Star Topology को बनाने के लिए कुछ हार्डवेयर कंपोनेंट्स की जरूरत होती हैं। उपयोग किये जाने वाले हार्डवेयर इस बात पर निर्भर करते हैं कि आप किस तरह का नेटवर्क विकसित करना चाहते हैं।

Star Topology में कौन सी LAN Cables का यूज़ करें ?

एक wired नेटवर्क को सेट-अप के लिए नेटवर्क केबल्स की जरूरत होती हैं। सारे नेटवर्क डिवाइस आपस मे एक दूसरे से केबल्स से जुड़ी होती है इसी प्रकार से एक स्टार टोपोलॉजी नेटवर्क बनाने के लिए निम्नलिखित केबल्स का इस्तेमाल किया जा सकता है।

  • Coaxial Cable : इन केबल का इस्तेमाल पुराने दिनों में किया जाता था अभी ये केबल्स इस्तेमाल में कम हैं।
  • Twisted Pair Cable : आजकल Twisted pair cable का इस्तेमाल अधिक किया जाता हैं। 
  • Fiber Optic Cable : इन केबल्स की स्पीड बहुत तेज होती हैं।

Star Topology में Hub या Switch किसका इस्तेमाल करें ?

जैसे की आप जानते हैं Hub या Switch स्टार टोपोलॉजी में सेंट्रल डिवाइस का काम करती हैं। इन सेंट्रल डिवाइस में सारे नेटवर्क उपकरणों में से एक एक Lan केबल कनेक्ट होती हैं। इन सेंट्रल डिवाइस से डेटा गुज़रता हैं। जब भी कोई कम्प्यूटर किसी को डेटा भेजता हैं तो सबसे पहले डेटा सेंट्रल डिवाइस के पास आता हो और सेंट्रल डिवाइस इसे दूसरे कम्प्यूटर को भेज देती हैं।


Hub का इस्तेमाल अभी बहुत कम होता हैं क्यकि ये टेक्नोलॉजी अभी पुरानी हो गयी हैं और Hub डेटा को ब्रॉडकास्ट भी करता है जिससे नेटवर्क कभी-कभी बंद या बहुत धीरे काम करता हैं।
Switch को स्मार्ट डिवाइस भी कहा जाता हैं क्यकि switch के पास कुछ मैमोरी होती है जिसमें स्विच नेटवर्क से जुड़े उपकरणों की कनफ़र्मेशन रखता हैं जिससे ये बहुत फ़ास्ट होते हैं और डेटा की सिक्योरिटी भी रहती हैं।

अगर आप Star Topology नेटवर्क का सेट-अप कर रहे हैं तो Switch का इस्तेमाल जरूर करें ।

जानिये : रिंग टोपोलॉजी क्या हैं ?

Advantages of Star Topology

हर एक Topology में कुछ विशेषताएं और कुछ कमीं होती हैं ये इस बात पर निर्भर करता हैं की किस तरह का नेटवर्क को विकसित किया जा रहा हैं।निम्नलिखित स्टार टोपोलॉजी की कुछ विशेषताएं हैं।

  • इस टोपोलॉजी में नेटवर्क का एक सेंट्रल एक्सेस होता हैं जैसे की Switch. सेंट्रल एक्सेस होने के कारण इसे आसानी से मैनेज किया जा सकता हैं।
  • इस टोपोलॉजी में प्रॉब्लम को बहुत आसानी से दूर किया जा सकता हैं क्यकि अगर कोई डिवाइस ख़राब हो गयी हैं तो Switch के पैनल पर उस डिवाइस से जुड़े केबल की led लाइट ऑफ हो जाती हैं जिससे इसे जल्दी से बदला जा सकता हैं।
  • अगर कोई डिवाइस बंद या ख़राब हो जाती हैं तो नेटवर्क में कोई प्रॉब्लम नहीं होती हैं।
  • नेटवर्क डिवाइस को अपग्रेड और कॉन्फ़िगर करने में आसानी होती हैं।
  • इस नेटवर्क टोपोलॉजी को बहुत बड़ा भी बनाया जा सकता हैं जिसमें बहुत सारे Switches का इस्तेमाल किया जा सकता हैं।

Disadvantages of Star Topology

स्टार Topology के कुछ Disadvantages भी हैं जो निम्नलिखित हैं।

  • इस नेटवर्क की सबसे बड़ी कमी हैं कि अगर सेंट्रल डिवाइस ख़राब हो जाती हैं तो पूरा नेटवर्क बंद हो जाता हैं।
  • नेटवर्क डिवाइस की संख्या निश्चित होती हैं क्युकि सेंट्रल डिवाइस में पोर्ट की संख्या कम होती हैं।
  • बहुत सारे Lan केबल्स होने के कारण नेटवर्क बहुत जटिल दिखता हैं।

आशा करते है की आपको यह जानकारी अच्छी लगी होगी।आप हमें अपने सुझाव और शिकायत के लिये नीचे कमैंट्स बॉक्स मैं जानकारी दें सकते है।

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