Web 3.0 in Hindi-कैसे यह पूरी इंटरनेट की दुनिया को बदल देगा? दोस्तों, आज के इस ब्लॉग में जानेंगे Web 3.0 meaning क्या हैं और क्या वास्तव में इसके आने से Google और Facebook जैसी बड़ी-बड़ी कंपनियां बंद हो जाएगी ?
क्या आपने कभी सोचा हैं आप इंटरनेट में जो भी चीज डाल रहे हैं या देख रहे हैं उन सब पर किसी ना किसी की नजर रहती हैं। जितनी भी वेबसाइट हमें कोई ना कोई इनफार्मेशन दे रही हैं वही वेबसाइट हमारे डेटा पर नियंत्रण भी कर रही हैं। आज हम जो कुछ भी इंटरनेट पर जैसे Facebook, You Tube, Twitter और Instagram आदि पर अपना डेटा डाल रहे है या देख रहे हैं उन सब पर अथार्त हमारे डेटा पर उन कंपनियों का पूरा नियंत्रण हैं।
अगर ये कंपनियां चाहे तो ये हमारे द्वारा डाली गयी पोस्ट, वीडियो, पिक्चर्स, बधाई सन्देश आदि को हटा भी सकती है या हमें पोस्ट डालने पर रोक भी सकती हैं और ब्लॉक भी कर सकती हैं।
आज की दुनिया में हर किसी को बोलने का पूरा हक हैं और अपनी बात को सार्वजानिक करने का भी पूरा हक़ हैं। अक्सर आपने देखा होगा बड़े-बड़े नेताओं और एक्टर्स को इन कंपनियों Twitter और Instagram ने ब्लॉक भी किया हैं।
सोचिये इंटरनेट का एक ऐसा भविष्य जिसमें आपके द्वारा डाले गए डेटा पर किसी भी कंपनी और संस्था का कोई नियंत्रण नहीं होगा ठीक जैसे क्रिप्टोकोर्रेंसी पर किसी का नियंत्रण नहीं होता हैं यही हैं Web 3.0 जिसके आने से इंटरनेट पूरी तरह बदलने वाला हैं। इस ब्लॉग में Web 3.0 क्या हैं और इससे पहले के Web 2.0 और Web 1.0 क्या हैं इनको विस्तार से समझने की कोशिश करते हैं।
Web 3.0 in Hindi-वेब 3.0 क्या हैं? Web 3.0 Meaning क्या हैं?
Web 3.0 एक ऐसी नवीनतम इंटरनेट तकनीक हैं जो लोगो को इनफार्मेशन भेजने और प्राप्त करने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और ब्लॉकचेन तकनीक पर आधारित हैं। Web 3.0 लोगो को अपने डेटा पर पूरा अधिकार देने की अनुमति देता हैं। Web 3.0 इंटरनेट का तीसरा संस्करण हैं जो लोगो को इंटरनेट पर पूरी स्वतंत्रता देता हैं यह एक विकेंद्रीकरण (Decentralized) तकनीक पर बना सिस्टम हैं और इनफार्मेशन को सुरक्षित रखने के लिए ब्लॉकचैन सुरक्षा प्रणाली का उपयोग करता हैं।

Web 3.0 डेटा की सुरक्षा और स्वतंत्रता– Web 3.0 in Hindi
इस बिषय को थोड़ा सही से समझते हैं जब भी हम कोई सोशल मीडिया साइट पर अपना अकाउंट बनाते हैं तब हमें अपनी बहुत सारी पर्सनल जानकारियां वहाँ पर डालनी होती हैं अकाउंट ओपन होने के बाद भी हम अपने बारे में बहुत सी जानकारी डालते हैं फिर चाहे वो वीडियो हो या पिक्चर्स या फिर कोई डाक्यूमेंट्स भी हो सकता हैं तब ये जानकारी उन कंपनियों के सर्वर में चली जाती हैं जिनके ये एप्लीकेशन हैं जैसे Facebook, You Tube, Twitter और Instagram आदि। इन सब बड़ी कंपनियों Google और Facebook आदि के अपने अपने सर्वर होते हैं जो की इनके डेटासेंटर में होते हैं।
आपको जानकर हैरानी होगी ये कंपनियां हमारे डेटा को बेचकर बहुत बड़ा लाभ कमाती हैं। अगर आप गूगल में कोई मोबाइल को सर्च कर रहे होते हैं तब उसी मोबाइल का विज्ञापन हमें बार बार आता हैं और वह विज्ञापन हमें Youtube या और भी एप्लीकेशन पर आता हैं। क्युकि, ये सारे आप्लिकेशन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर बने हैं जो हमारी रुचि क्या हैं, हमें किन-किन चीज़ों की दिलचस्पी हैं सब जानते हैं और ये इसी का फायदा उठाते हैं। जिससे यह जानकारी एकत्र कर के हमारी दिलचस्पी के हिसाब से वही दिखाते हैं जो हमें देखना हैं या जो भी सामान हमें लेने का मन हैं।
Web 3.0 इन सब प्रॉब्लम का निवारण हैं यह एक ऐसी तकनीक पर बना हैं जो की उपयोगकर्ता को पूरी आजादी देता हैं। आप के द्वारा डाली गयी इनफार्मेशन पर सिर्फ आपका ही हक होगा और Web 3.0 में आपको इन जानकारी के बदले मुआवजा भी मिलेगा।
Web 2.0 क्या हैं?
यह Web का वह संस्करण हैं जिसे लगभग सभी लोग जानते हैं। आज हम जो इंटरनेट इस्तेमाल कर रहे हैं वो ही Web 2.0 हैं। इसकी शुरुआत सन् 1999 से हुई तब इंटरनेट लोगो के बीच बहुत ज्यादा लोकप्रिय होने लगा था। लोग शोशल मीडिया के माध्यम से एक दूसरे से जुड़ने लगे थे और इंटरनेट पर कुछ ना कुछ कंटेंट बना कर दूसरे के साथ साझा करने में सक्षम होने लगे थे जैसे कि इनफार्मेशन ब्लॉग।
बाद में स्मार्टफोन बना 2004 में Facebook आया 2006 में Twitter और 2010 में Instagram जैसी सोशल एप्लीकेशन लोगो के बीच काफी लोकप्रिय बने जो की आज भी है क्युकि आज का दौर Web 2.0 का हैं। Web 2.0 एक केंद्रीकृत (Centralized) योजनाबद्ध सिस्टम हैं जिसमें इंटरनेट का कंट्रोल किसी कंपनी या सरकार के हाथ में हैं। बड़ी-बड़ी कंपनिया इंटरनेट के माध्यम से हमारे डेटा को अपने सर्वर पर रखती हैं और फिर उस डेटा पर विज्ञापन चला कर पैसे कमा रही हैं।
Web 3.0 आने के बाद उपयोगकर्ता की इनफार्मेशन तो सुरक्षित रहेगी ही और साथ में कोई भी कंपनी हमारे डेटा का गलत इस्तेमाल नहीं कर सकती हैं और ऐसा माना जा रहा है कि उपयोकर्ता के डेटा के बदले उसे मुआवजा भी दिया जायेगा।
Web 1.0 क्या हैं?
Web 1.0 इंटरनेट का सबसे पहला और पुराना संस्करण हैं। इसका युग 1985 से 2005 तक चला उसके बाद Web 2.0 ने अपने कदम इंटरनेट की दुनिया में रखा और यह आज भी हैं। Web 1.0 के समय में इंटरनेट नया था उस समय वेब ब्राउज़र में जो भी इनफार्मेशन थी वह सब text फॉर्मेट में हुआ करती थी। Web 1.0 में इंटरनेट में कोई पिक्चर और वीडियो नहीं हुआ करती थी इसका इंटरफ़ेस भी बहुत बुरा था। उस समय हम इंटरनेट पर कुछ भी नहीं डाल सकते थे इसमें उपयोकर्ता के login का ऑप्शन भी नहीं मिलता था।
Web 3.0 के लाभ
ऐसा माना जा रहा हैं कि Web 3 के आने से इंटरनेट को बहुत मदद मिलेगी इसके कुछ मुख्य लाभ निम्नलिखित हैं।
- Better marketing
- Security of User data
- Increased information linking
- Increased communication
- More efficient Searching
- More efficient web browsing
Web 3.0 के नुकसान
Web 3.0 की कुछ कमियां निम्नलिखित हैं।
- It can be addictive
- Technology is yet to be prepared
- It may be complex for newbies
- Computer advancement is required
- Privacy policies are needed
हालंकि अभी कुछ भी पता नहीं हैं की Web 3.0 कब तक आएगा बड़े बड़े लोग जैसे Tesla कंपनी के मालिक Elon Musk और भी बहुत सारे जानकर Web 3.0 के पक्ष में नहीं हैं क्यकि ऐसा माना जा रहा हैं की इसके आने से Facebook और Google जैसी कंपनियों को भारी नुकसान होने की संभावना हैं।
हम लोग एक ऐसे इंटरनेट की ओर बड़ रहे हैं जहाँ उपयोकर्ता को अपने डेटा पर पूरा नियंत्रण और अधिकार मिलेगा और साथ में कंपनियों को भी अपने डेटा को नियंत्रण करने की अनुमति होगी यह सब ब्लॉकचैन पर आधारित होगा।
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